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स्क्रीन से दूरी बनाए रखें: सोने से पहले मोबाइल, लैपटॉप या टीवी का इस्तेमाल कम से कम करें, क्योंकि इनसे नींद की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है।
एक आकाशीय गोला, जो संस्कृत मंत्र सुनते ही जाग जाता है
हल्का भोजन करें: रात का खाना हल्का और पचने में आसान होना चाहिए। इसे जल्दी खाएं ताकि शरीर को आराम से पचाने का समय मिल सके।
डरावने सपने रात के दूसरे पहर यानी सुबह होने से कुछ घंटे पहले आते हैं. ये सपने बहुत वास्तविक लगते हैं और अक्सर किसी खतरे, पीछा करने, चोट लगने या अन्य डरावनी कंडीशंस से जुड़े होते हैं. ऐसे सपनों से नींद टूटने पर दिल की धड़कन तेज हो सकती है, पसीना आ सकता है और व्यक्ति तुरंत डर या बेचैनी महसूस करता है. खास बात यह है कि जागने के बाद भी सपना साफ तरीके से याद रहता है और उसके कारण दोबारा नींद नहीं आती है.
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कई बार मन थका हुआ होता है और शरीर भी कमजोर है तब बुरे सपने आते हैं.
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आंत्रप्रेन्योर नहीं, अब को-प्रेन्योर चलाएंगे बिजनेस... पूरी दुनिया में पढ़ाया जाएगा इंडिया का ये कॉन्सेप्ट
नाइटमेयर आने पर आपको थकान कमजोरी होने जैसे लक्षण दिख सकते हैं.
एक सूदिंग सी नाइट लाइट जलाकर सोने से अच्छी नींद आती है.
कई दवाएं ऐसी होती हैं जिसका असर रात को दिखता है और वो ब्रेन पर असर करती हैं.
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मानसिक तनाव और डिप्रेशन – बुरे सपनों की बड़ी वजह